वो साथ छोड़ गया है तो बेवफा ना कहो
हर एक चेहरे को ज़ख्मों का आइना ना कहो
ये जिन्दगी तो है रहमत इससे सजा ना कहो
तमाम शहर ने नजरो पे क्यों उछाला मुझे
ये इतिफाक था तुम इस को हादसा ना कहो
ये और बात क दुश्मन हुआ है आज मगर
वो मेरा दोस्त था कल तक उससे बुरा ना कहो
हमारे ऐब हमें उँगलियों पे गीनवाओ
हमारी पीठ के पीछे हमें बुरा ना कहो
ना जाने कौन सी मजबूरियों का कैदी हो
वो साथ छोङ गया है तो बेवफा ना कहो
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