Thursday, August 23, 2007

अहसास नही...!

बंद होठों से जो एक बात कही थी मेने,
तुझको
अब तक मेरी उस बात का अहसास नही,

मेरे जज्बात का तू साज़ नही सुन सकता,
क्यों मेरे प्यार कि आवाज़ नही सुन सकता,

ऐसा लगता है कोई दिल ही तेरे पास ही नही,
तुझको अब तक मेरी उस बात का अहसास नही,

गूंजती है मेरी धड़कन कि सदा तेरे लिए,
मेरी आंखों मे अभी तक नशा है तेरे लिए,

में बनू जाम मगर तुझको मेरी प्यास नही,
तुझको अब तक मेरी उस बात का अहसास नही,

बंद होठों से जो एक बात कही थी मेने,
तुझको अब तक मेरी उस बात का अहसास नही...!


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