बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की ललक रहने दो,
आप भले ही रहो दूर नजरो से,
पर बंद पलकों में अपनी झलक रहने दो..
This blog contains my poems And I think that only my poems can describe me better.
Thursday, September 24, 2009
Tuesday, September 15, 2009
उम्मीद..................
यूँ ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले
कब पलटते हैं भला छोड़ के जाने वाले
तू कभी देख झुलसते हुए सेहरा मैं दरख्त
केसे जलते हैं वफाओं को निभाने वाले
उन से आती है तेरे लम्स की खुशबु अब तक
ख़त निकले हुए बैठा हों पुराने वाले
आ कभी देख ज़रा उन की शबों मैं आकर
कितना रोते हैं ज़माने को हंसाने वाले
कुछ तो आँखों की ज़ुबानी भी कहे जाते हैं
राज़ होते नही सब मुंह से बताने वाले
आज न चाँद न तारा है न जुगनू कोई
राब्ते ख़तम हुए उन से मिलाने वाले......
कब पलटते हैं भला छोड़ के जाने वाले
तू कभी देख झुलसते हुए सेहरा मैं दरख्त
केसे जलते हैं वफाओं को निभाने वाले
उन से आती है तेरे लम्स की खुशबु अब तक
ख़त निकले हुए बैठा हों पुराने वाले
आ कभी देख ज़रा उन की शबों मैं आकर
कितना रोते हैं ज़माने को हंसाने वाले
कुछ तो आँखों की ज़ुबानी भी कहे जाते हैं
राज़ होते नही सब मुंह से बताने वाले
आज न चाँद न तारा है न जुगनू कोई
राब्ते ख़तम हुए उन से मिलाने वाले......
उस से ज्यादा तो खुदा की तरफ नही देखा.......................
कभी खुशी से खुशी की तरफ़ नही देखा
वो मेरा है पर उसने मेरी तरफ़ नही देखा
जिंदगी से मिला तो हूँ मगर कुछ इस तरह
मैंने उसकी उसने मेरी तरफ़ नही देखा
उसको देखा था इक बार बड़ी संजीदगी से
उस से बेहतर कोई दूसरा नही देखा
वो मेरा इश्क है या इबादत है मेरी
उस से ज्यादा तो खुदा की तरफ़ नही देखा..
वो मेरा है पर उसने मेरी तरफ़ नही देखा
जिंदगी से मिला तो हूँ मगर कुछ इस तरह
मैंने उसकी उसने मेरी तरफ़ नही देखा
उसको देखा था इक बार बड़ी संजीदगी से
उस से बेहतर कोई दूसरा नही देखा
वो मेरा इश्क है या इबादत है मेरी
उस से ज्यादा तो खुदा की तरफ़ नही देखा..
कुछ लोग होते है आंसू की तरह ........................
****************************************
कभी लगा वो हमे सता रहे है,
दुसरे पल लगा की वो करीब आ रहे है,
कुछ लोग होते है आंसू की तरह,
पता ही नही लगता साथ दे रहे है या छोड़ के जा रहे है
****************************************
वो बेवफा हमारा इम्तिहान क्या लेगी
मिलेगी नज़र तो नज़र झुका लेगी,
उसे मेरी कब्र पे दिया जलने को न कहना,
नादान है वो यारो अपना हाथ जला लेगी.
****************************************
तुमसे दूर जाने का इरादा न था,
साथ साथ रहना का कभी वादा न था,
तुम याद न करोगे ये जानते थे हम,
पर इतनी जल्दी भूल जाओगे अंदाजा न था.
कभी लगा वो हमे सता रहे है,
दुसरे पल लगा की वो करीब आ रहे है,
कुछ लोग होते है आंसू की तरह,
पता ही नही लगता साथ दे रहे है या छोड़ के जा रहे है
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वो बेवफा हमारा इम्तिहान क्या लेगी
मिलेगी नज़र तो नज़र झुका लेगी,
उसे मेरी कब्र पे दिया जलने को न कहना,
नादान है वो यारो अपना हाथ जला लेगी.
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तुमसे दूर जाने का इरादा न था,
साथ साथ रहना का कभी वादा न था,
तुम याद न करोगे ये जानते थे हम,
पर इतनी जल्दी भूल जाओगे अंदाजा न था.
दर्द ही दर्द है दूर तलक ज़िन्दगी मे ....................
दर्द ही दर्द है दूर तलक ज़िन्दगी मे
और देखा क्या सुबह-शाम तुमने
ज़िन्दगी मे.
मेरी मुस्कुराहट पर है तेरी नज़र यहा
ऐसे ही तो छुपाया हमने हर गम
ज़िन्दगी मे.
और देखा क्या सुबह-शाम तुमने
ज़िन्दगी मे.
मेरी मुस्कुराहट पर है तेरी नज़र यहा
ऐसे ही तो छुपाया हमने हर गम
ज़िन्दगी मे.
मोहब्बत मांगे या न मांगे.......................
दौर -ऐ- शिकायत है, माफ़ी किस किस से मांगे
हर घर में भूखे है , हम रोटी किस से मांगे
दिए जलाये तो किस राह पर, अँधेरा हर कहीं है
चिरागों की रौशनी पनाह मांगे तो किस से मांगे
हर दिल को तोड़ गया है ग़म उसका अन्दर तक
हम खुशी मांगे भी तो, किस हक से मांगे
उस पर सितम यह खूब है नफरत का ज़माने मैं
सोचते है कई बार किसी से मोहब्बत मांगे या न मांगे
हर घर में भूखे है , हम रोटी किस से मांगे
दिए जलाये तो किस राह पर, अँधेरा हर कहीं है
चिरागों की रौशनी पनाह मांगे तो किस से मांगे
हर दिल को तोड़ गया है ग़म उसका अन्दर तक
हम खुशी मांगे भी तो, किस हक से मांगे
उस पर सितम यह खूब है नफरत का ज़माने मैं
सोचते है कई बार किसी से मोहब्बत मांगे या न मांगे
एक ज़ख्म भी उसको दिखाया न जा सका..................
पलकों पे आंसू को सजाया न जा सका,
उसको भी दिल का हाल बताया न जा सका,
ज़ख्मों से चूर चूर था यह दिल मेरा,
एक ज़ख्म भी उसको दिखाया न जा सका,
जब तेरी याद आई तो कोशिश के बावजूद,
आंखों में आँसू को छुपाया न जा सका,
कुछ लोग ज़िन्दगी में ऐसे भी आए है,
जिनको किसी भी लम्हे भुलाया न जा सका,
बस इस ख़याल से कही उसको दुःख न हो,
हमसे तो हाल-ऐ-गम भी सुनाया न जा सका,
वोह मुस्कुरा रहा था मेरे रूबरू मगर,
चेहरे का रंग उससे छुपाया न जा सका,
तनहाइयों की आग में हम जल गए,
मगर फासला दिलो का मिटाया न जा सका..!!!
उसको भी दिल का हाल बताया न जा सका,
ज़ख्मों से चूर चूर था यह दिल मेरा,
एक ज़ख्म भी उसको दिखाया न जा सका,
जब तेरी याद आई तो कोशिश के बावजूद,
आंखों में आँसू को छुपाया न जा सका,
कुछ लोग ज़िन्दगी में ऐसे भी आए है,
जिनको किसी भी लम्हे भुलाया न जा सका,
बस इस ख़याल से कही उसको दुःख न हो,
हमसे तो हाल-ऐ-गम भी सुनाया न जा सका,
वोह मुस्कुरा रहा था मेरे रूबरू मगर,
चेहरे का रंग उससे छुपाया न जा सका,
तनहाइयों की आग में हम जल गए,
मगर फासला दिलो का मिटाया न जा सका..!!!
देखकर दिलकशी ज़माने की ....................!
देखकर दिलकशी ज़माने की
आरजू है फरेब खाने की
ऐ गम-ऐ- ज़िन्दगी न हो नाराज़
मुझको आदत है मुस्कुराने की
अंधेरों से न डर
के रास्ते में रौशनी है मयखाने की
आज तेरी जुल्फों को प्यार करू
के रात है मशालें जलाने की !
आरजू है फरेब खाने की
ऐ गम-ऐ- ज़िन्दगी न हो नाराज़
मुझको आदत है मुस्कुराने की
अंधेरों से न डर
के रास्ते में रौशनी है मयखाने की
आज तेरी जुल्फों को प्यार करू
के रात है मशालें जलाने की !
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