Monday, March 10, 2008

न सवाल बन के मिला करो ....................

न सवाल बन के मिला करो॥ न जवाब बन के मिला करो॥


मेरी ज़िंदगी मेरे खवाब हैं॥ मुझे ख्वाब बन के मिला करो॥

हर शाम को मेरे दोस्तो॥ यूँ अजाब बन के मिला करो॥


मुझे मयकदे में मिलो अगर॥ तो शराब बन के मिला करो॥

मुझे अच्छे लोग बहुत मिले॥ मैं तो उन के क़र्ज़ से मर गया॥


अरे हो सके तो कभी कभी॥ तो कह्राब बन के मिला करो॥

अभी सोचना है तो सोच लो॥ अभी शक है तो चोर दो॥


हाँ हजूर बन के मिला करो॥ जनाब बन के मिला करो॥

न सवाल बन के मिला करो॥ न जवाब बन के मिला करो॥

मेरी ज़िंदगी मेरे खवाब हैं॥ मुझे ख्वाब बन के मिला करो॥