Monday, August 13, 2007

चुपके चुपके रो लेना



जब सीना गम से बोझल हो और याद किसी कि आती हो

तुब कमरे मे बंद हो जाना और चुपके चुपके रो लेना


जुब आंखें बागी हो जाये और याद मे मेरी भरे आहें

फिर खुद को धोखा मत देना और चुपके चुपके रो लेना


जब पलके कुर्ब से मुंदी हो और तुम्हे मैं सताऊ तो

फिर मुँह पे तकिया रख लेना और चुपके चुपके रो लेना


यह दुनिया ज़ालिम दुनिया है, यह बात बुहत बनाएगी

तुम सामने सब के चुप रहना और चुपके चुपके रो लेना


जब बारिश चेहरा धो डाले और अश्क भी बूंदे लगने लगे

वो लम्हा हरगिज़ मत खोना और चुपके चुपके रो लेना....

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