धङकने रूक जाती है पर मरते ही नही...
दूर हो जाते है पर बिछङते ही नही...
कुछ ऐसे लोग भी होते है.....
टूट जाते है पर बिखरते ही नही....
कुछ लोग होते है जो तनहा जीं नही सकते..
लेकिन जाने क्यो तनहाई से डरते भी नही...
जानते रहते है कि गिरना ही पड़ेगा दोस्ती की राह मे...
फिर भी "हम" जैसे पागल सम्भलते भी नही
दूर हो जाते है पर बिछङते ही नही...
कुछ ऐसे लोग भी होते है.....
टूट जाते है पर बिखरते ही नही....
कुछ लोग होते है जो तनहा जीं नही सकते..
लेकिन जाने क्यो तनहाई से डरते भी नही...
जानते रहते है कि गिरना ही पड़ेगा दोस्ती की राह मे...
फिर भी "हम" जैसे पागल सम्भलते भी नही
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