Monday, April 12, 2010

कसूर सिर्फ इतना था !!!!!

जब ज़िन्दगी को समझा तो ज़िन्दगी से दूर थे हम
मरना चाहा पर जीने को बेवजह मजबूर थे हम
हर सजा बिना आवाज़ कबूल की हमने सर झुका कर
कसूर सिर्फ इतना था की बस बेकसूर थे हम !!!!!