Wednesday, June 17, 2009

थी सारी बात लकीरों की.........................

न चाहत के जज़्बात अलग,
न खुशियों के लम्हात अलग,

न फूलों से थी महकार अलग,
न गुजरी कोई बहार अलग,
न होंठों की मुस्कान अलग,
न दिल के हद-ओ पैमान अलग,

न दीन अलग, ईमान अलग,
न सुर संगीत नगमात अलग,

थी सारी बात लकीरों की ,
तेरे हाथ अलग मेरे हाथ अलग.

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