जिंदगी गुज़र रही है उस के ख्यालों में
अजीब सी इक लाली थी उस हसीं के गालों में
सोचा था भूल जायेंगे उस बेवफा को हम लेकिन
ऐक भी याद न मिट सकी देखो इतने सालों में !!
दुआ करती है हर साँस मेंऋ, के तुम हो या कोई भी न हो
रहे हाथ में हाथ अपना, कभी दिल से न तुम जुदा हो
मेरे दिल-ओ-दिमाघ पेय हमदम, कुछ ऐसे है तेरा बसेरा
इक शख्स हो तुम सब के वास्ते, मेंरे लिए सारा जहाँ हो !
होता है जब प्यार तो, भरोसा आ ही जाता है
शक इस मोहबत को तो बिल्कुल खा ही जाता है
लाख बचने की कोशिश करो लेकिन मेरी जान
इस भरी दुनिया में कोई भा ही जाता है !
जिस ने जुदाई की चुभन को न कभी महसूस किया हो
जिस ने दिल तो लिया हो पर अपना दिल न दिया हो
वो प्यार की कशिश को भला कैसे जान पायेगा ।
बस इस खूबसूरत एहसास से वोह महरूम रह जाएगा !
कभी कभी इंसान इस हाल में भी होता है
कोई वजह भी नहीं होती, फिर भी वो रोता है
होंठों pe लिए मुस्कान वो, खुशियाँ हैं बांटता
पर तन्हाई में वो अपनी आंखों को भिगोता है !
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