Sunday, June 14, 2009

ख्वाब कोई नया दिखा ज़िन्दगी !!!

अब तो मुझको हँसा जिंदगी
चाँद लम्हों को मेरा गम भुला जिंदगी !!!

टूटता रहा है हर सपना मेरा
एक सपना तो मेरा बचा जिंदगी !!!

हारता रहा हूँ हर कदम पे मैं
एक हार को तो जीत बना जिंदगी !!!

मेरी आखों में न अब लहू आ जाए
इस तरह न मुझको रुला जिंदगी !!!

टूटता है तो फिर टूट जाए..
हमे आदत है अब तो…

पर ख्वाब कोई नया दिखा ज़िन्दगी !!!

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