मुझे किसी से कोई गिला ही नही…
वो मेरा नही था जो मुझे मिला ही नही….
डरते थे की कैसे जियेगे उससे बिछड़ कर….
पर अब तो यादो का सिलसिला भी नही…
हमे तुझसे कोई शिकायत नही दोस्त..
जो समझ सके हमको, शायद ऐसा कोई कभी मिला ही नही..
फ़िर भी अकेले ही लड़ने का हौसला बाकी है मुझमे..
इसीलिए कितने तूफ़ान आए, "जीत" कभी हिला ही नही..
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