Friday, May 6, 2011

यह जलते होंठ ये नींद में डूबी हुई आँखें.............!!!!!!

अभी तो रात बाकी है यह ढल जाये तो सो जाना
घरी भर को दिल-इ-नादाँ जब संभल जाये तो सो जाना

यह जलते होंठ ये नींद में डूबी हुई आँखें
मुझे सोने नहीं देती तुम्हारी ये अध् खुली आँखें
ज़रा ठहरो मुझे भी नींद आ जाये तो सो जाना

हसीं हो तुम तुम्हे क्या ग़म तुम्हे तो नींद प्यारी है
हमारा हाल मत पूछो क्यों के हम पर ये रात भरी है

हमारे सर क़यामत है यह ताल जाये तो सो जाना
अभी तो रात बाकी है यह ढल जाये तो सो जाना

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