Thursday, May 5, 2011

मुझ को भी इतने लोगों में तन्हा बना दिया............!!!!!!!!!!

सब से छुप कर दर्द से जो वो मुस्कुरा दिया
उस की हंसी ने तो आज मुझे रुला दिया

लाहजइ से उठ रहा था हर इक दर्द का धुंआ
चेहरा बता रहा था के कुछ गँवा दिया

आवाज़ में दर्द था आँखों में नमी थी
और कह रहा था के मईने सब कुछ भुला दिया

जाने क्या उस को लोगों से थें शिकायतेन
तन्हाइयों के देश में खुद को बसा दिया

खुद भी वो हम से बिछर कर अधुरा सा हो गया
मुझ को भी इतने लोगों में तन्हा बना दिया

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