Wednesday, September 5, 2007

जिसे तुम प्यार किया करते थे........


मैं वोही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे
दिन में सौ बार मेरा नाम लिया करते थे.

आज क्या बात है क्यों मुझसे खफा बैठे हो
क्या किसी ओर का दिल अपना बना बैठे हो ?

फासले पहले तो इतने ना हुआ करते थे
मैं वोही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे

मन के ये गम है कोई सौगात नही
तुम हमें अपना कहो ऐसे भी हालात नही

अगर भूल गए हो , तो कोई बात नही
ज़ख्म तो पहले भी इस दिल पे लगा करते थे
मैं वोही हूँ,जिसे तुम प्यार किया करते थे

जीं में आता है के आज तुम्हें तड़्पा दूं
दर्द जो तुमने दिए वो सुब तुम को लौटा दूं

अगर भूल गए हो तो ये बतला दूं
तुम मुझे हासिल-ए- अरमान कहा करते थे
मैं वोही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे


1 comment:

  1. HI Jitendra,
    Awesome writing.

    Can I use some of your words and weave them into a song. I am a musician composer and writer working on an independent album and looking to collaborate with writers to produce really good songs.

    Please do send me your email address. My email is seattlearchitect@gmail.com

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