Friday, April 4, 2008

चुप्पी भी मोहब्बत की जुबान होती हैं...................................

चुप्पी भी मोहब्बत की जुबान होती हैं...................................
प्यार की सचाई निगाहों से बयां होती हैं ..........

महबूब न आए तो चुभन सी होती है दिल मैं.......
उसके आने से हर तमन्ना दिल की जवान होती हैं........

सब तकदीरों का खेल है यारों ............

हर किसी पे कहाँ यह मोहब्बत मेहरबान होती है ............
मिलना बिछड़ना खेल है तकदीर का ..........

जला जो मैं दर्द ऐ मोह्हबत में तो ..........
हर तमन्ना दिल में धुआ होती है......... !!!!

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