यादों भरे लम्हे.........
This blog contains my poems And I think that only my poems can describe me better.
Friday, March 19, 2010
पहचान पाए वो जो नज़र कितनी दूर है....
ए शाम-इ-ग़म बता के सहर कितनी दूर है
आंसू नहीं जहाँ वो नगर कितनी दूर है
दामन तोडती नहीं जहाँ किसी की याद
वो ज़िन्दगी की राह गुज़र कितनी दूर है
राहों पे देखता है हर इक बन के अजनबी
पहचान पाए वो जो नज़र कितनी दूर है....
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