मिटटी मेरी कब्र से चुरा रहा है कोई………
मर के भी याद मुझे आ रहा है कोई ………
ए खुदा दो पल की जिंदगी और दे दे ……॥
उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई ...........
उस को चाहा भी तो इजहार करना नही आया
कट गई उमर मगर प्यार करना नही आया
उस ने माँगा भी अगर कुछ जुदाई मांगी
और हम थे के हम को इनकार भी करना नही आया
इक ही लम्हे में सदियों की जुदाई दे दी………
अजमाईएश थी के हम दिल के कितने हैं………
हम ने खैरात में उस बुत को खुदाई दे दी…
behad khubsurat nazm hai,bahut badhai.
ReplyDelete