Thursday, February 19, 2009

जिंदगी में आ गया ठहराव !!!!!

जिंदगी में आ गया ठहराव ,
अब क्या कीजिये ? आस्तीन में
बसे है मुल्क के विष धर कई ,
फन उठाये डस रहा
अलगाव क्या कीजिये ?

आज के नेता कुर्सी के वास्ते आत्मा से बिके है ,
जनतन्त्र के नाम पर वादों पे टिके है ,

जब जोहरी ही andha हो phir hire का क्या maul ?
जब janta jage to खुल जाए sab ki poll।

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